मधेपुरा के विभिन्न अंचलों में व्याप्त है भ्रष्टाचार, बिना रिश्वत के नहीं होता है कोई भी आवश्यक कार्यों का निस्पादन

रिश्वतखोर कर्मी को चिन्हित कर दिया कार्रवाई का भरोसा।डीएम

उदाकिशुनगंज।मधेपूरा

मधेपुरा में अंचल कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार्य को लेकर लोगों की डीएम से शिकायत,शिकायत के बाद हरकत में आए मधेपुरा डीएम तरनजोत सिंह ने आज सदर अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने अंचल कार्यालय के कर्मियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। डीएम ने कहा कि मधेपुरा अंचल में राजस्व से संबंधित मामलों की अद्यतन जानकारी ली गई और अंचलाधिकारी को कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने बताया कि राजस्व से संबंधित दाखिल-खारिज, परिमार्जन और ई-मापी से संबंधित मामलों के निष्पादन को लेकर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को अंचल कार्यालय में कैंप लगाया जाता है। बुधवार को उन्होंने सदर अंचल में लगाए गए कैंप का निरीक्षण किया। डीएम ने अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारी को निर्देश दिया कि कम से कम समय में मामलों का निष्पादन करें। उन्होंने कहा कि अगर बिना किसी करण के राजस्व कर्मचारी या अंचलाधिकारी लोगों को बार-बार दौड़ा रहे हैं तो वैसे अधिकारी और कर्मचारी को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान जमीन संबंधित विभिन्न कार्यों से अंचल कार्यालय पहुंचे लोगों ने अंचलाधिकारी और कर्मी की शिकायत की। लोगों ने कहा कि अंचल कार्यालय में बिना घूस दिए कोई काम नहीं होता है। बिना कारण के दाखिल-खारिज में ऑब्जेक्शन लगा दिया जाता है। ऑब्जेक्शन हटाने के लिए आवेदक से रुपए की डिमांड की जाती है। इस दौरान कई लोगों ने रुपए मांगने का साक्ष्य भी दिखाया। मस्जिद चौक निवासी मो. रिजवान आलम ने बताया कि उन्होंने 15 जुलाई को परिमार्जन प्लस के लिए आवेदन किया था। सरकारी प्रावधान के अनुसार 21 दिनों में यह काम हो जाना चाहिए, लेकिन आवेदन करने के एक माह बाद सीओ ने उनके आवेदन को कर्मचारी के पास फॉरवर्ड किया। उन्होंने कहा कि जब कर्मचारी से मिलने गए तो उसने 5 हजार रुपए की मांग की। लेकिन मैंने रुपए देने से साफ इनकार कर दिया। पैसा नहीं देने पर गलत फॉर्मेट में उनके आवेदन को आगे बढ़ा दिया गया। इसके बाद मामला 28 सितंबर को सीओ के पास चला गया। इसके बाद वह सीओ से कई बार मिले, लेकिन उनका काम नहीं हुआ। कार्यालय में आवेदन की छायाप्रति और मेरा नंबर लिया गया। इसके बाद 8 अक्टूबर को अंचल कार्यालय कार्यरत स्टाफ रुकमनी ने उन्हें फोन कर अंचल कार्यालय आने को कहा गया। अंचल कार्यालय आने पर उन्होंने कहा कि कुछ खर्चा-वर्जा कीजिएगा तो काम हो जाएगा। इसपर मैंने पूछा कि कितना रुपए लेगा तो उन्होंने पांच हजार रुपए की डिमांड की। रिजवान ने बताया कि मैंने रुपए देने से साफ मना कर दिया तो 9 अक्टूबर को मेरे आवेदन को पुनः मेरे आईडी पर रिवर्ट कर दिया गया। वहीं भिरखी के एक आवेदक ने बताया कि सरकार विधवा महिला और उनके बच्चों के लिए एक स्कीम चलाई है। इसके लिए 72 हजार रुपए से कम का आय प्रमाण-पत्र जरूरी है। उन्होंने अंचल कार्यालय में तीन बार आय प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार 72 हजार से अधिक का आय प्रमाण-पत्र बना दिया जाता है। इस मामले को लेकर जब उन्होंने अंचलाधिकारी से बात की तो वह बार-बार दौड़ा रही है, लेकिन उनका आय प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जा रहा है।

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