मधेपुरा: :ब्यूरो रिपोर्ट
मधेपुरा पुलिस ने रतवारा थाना क्षेत्र अंतर्गत खापुर के पूर्व मुखिया की लगभग एक माह पूर्व गोली मारकर की गई हत्या का खुलासा कर दिया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसपी संदीप सिंह ने रविवार को प्रेस वार्ता में बताया कि वर्चस्व की लड़ाई व पूर्व के एक मर्डर को लेकर खापुर के पूर्व मुखिया मुकेश कुमार सिंह उर्फ मुन्ना मुखिया की हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि कांड की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए उनके द्वारा उदाकिशुनगंज एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। जिसमें आसपास के थानों के थानाध्यक्ष, डीआईयू सेल व कई पुलिसकर्मी शामिल थे। इस टीम ने एसटीएफ के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी कर घटना में शामिल कुख्यात अपराधी खापुर निवासी रामोतार सिंह के बेटे झपटा सिंह और वेदा सिंह के बेटे रोहित सिंह को गिरफ्तार किया। दोनों अपराधी 25-25 हजार रुपए के इनामी थे। पूछताछ में दोनों ने इस कांड में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और घटना के समय मौजूद अन्य अपराधियों की भी जानकारी दी। इन दोनों की निशानदेही पर घटना में प्रयोग किया गया आग्नेयास्त्र एक देसी कट्टा भी बरामद किया गया। एसपी ने बताया कि इस कांड में संलिप्त तीसरे अपराधी बिहारीगंज थाना क्षेत्र के मोहनपुर वार्ड 10 निवासी गंगा मेहता के बेटे अखिलेश मेहता उर्फ प्रह्लाद मेहता को बिहारीगंज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। अन्य संलिप्त अभियुक्तों के विरुद्ध छापेमारी एवं अनुसंधान की जा रही है। गिरफ्तार अपराधी झपटा सिंह और रोहित सिंह के विरुद्ध मधेपुरा के अलावा अन्य जिलों में भी कई कांड दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि घटना का कारण वर्चस्व की लड़ाई और पूर्व में एक सिंटू कुमार नाम के व्यक्ति का मर्डर भी है। गिरफ्तार अपराधियों के द्वारा सिंटू सिंह के मर्डर में पूर्व मुखिया मुकेश कुमार मुन्ना का बताया जा रहा है। इससे अलावा लोकल पॉलिटिक्स को लेकर ये लोग एक-दूसरे पर पहले भी छोटा-मोटा हमला कर चुके थे। बता दें कि 15 अप्रैल की शाम गांव में सड़क ढ़लाई के दौरान छुतहरू सिंह के दुकान के आगे चारपाई पर बैठे पूर्व मुखिया मुकेश कुमार की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। इस दौरान अपराधियों ने गर्दन के ऊपर सिर पर भी धारदार हथियार से हमला किया था। जिसके कारण घटनास्थल पर उनकी मौत हो गई थी। छापेमारी टीम में रतवारा थानाध्यक्ष त्रिलोकीनाथ शर्मा, एसटीएफ टीम, डीआईयू सेल के पदाधिकारी, कर्मी एवं रतवारा थाना के सशस्त्र बल शामिल थे।