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गलती किसी का हो लेकिन अपराधी तो पुल ही होगा निर्माण के गुणवत्ता की अनदेखी, जांच की मांग

समाजसेवी आशीष कुमार बाबुल ?

आये दिन बिहार में आये पुल के ध्वस्त होने अथवा दरार आने का मामला लगातार सामने आ रहा है। कई पुल – पुलिया ध्वस्त हुए। इससे बिहार सरकार की काफी किरकिरी हुई। विपक्ष के निशाने पर सरकार रही। अंतत तीन दशक पुरानी पुल के स्थिति को लेकर सरकार ने जांच के आदेश दिए। लेकिन सरकार नए और निर्माणाधीन पुल को नजर अंदाज कर गए। जबकि वास्तविकता यह है कि पुराने पुल को कौन कहें नए पुल की गुणवत्ता भी सही नहीं है। निर्माणाधीन पुल को लेकर क्षेत्र में लगातार सवाल उठ रहा है। यधपि पुल की गुणवत्ता पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। विभागीय अधिकारी और संवेदक के सांठगांठ से पुल निर्माण में घटिया कार्य बदस्तूर जारी है। जब मामला सामने आता है तो अधिकारी महज जांच की बात कहकर खानापूरी कर जाते हैं। बड़ी बात यह कि जब गुणवत्ता को लेकर लोगों के विरोध के स्वर उभरते हैं तो कानूनी पचड़े में फंसाने की बात कह कर लोगों की आवाज को दबा दिया जाता है। ताजा मामला इन दिनों उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के शहजादपुर और गोरियारी गांव के बीच चौरी भित्ता टोला के समीप धार (नदी ) में बन रहे पुल को लेकर है। मानों यहां हवा में पुल का निर्माण हो रहा है। महज संवेदक के मुंशी की मौजूदगी में बन रहे पुल व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। ग्रामीणों के आवागमन की सुविधा सुगम बनाने के लिए चौरी भीता टोला स्थित धार में करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कार्य हो रहा है। यधपि कार्य स्थल पर निर्माण कार्य से संबंधित किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगना काफी कुछ बयां करता है। जबकि सरकार का साफ निर्देश है कि आमजनों की जानकारी के लिए कार्य प्रारंभ होने से पहले स्थल पर बोर्ड लगना चाहिए। ताकि लोगों को कार्य की प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। लेकिन विभाग द्वारा कार्य से संबंधित बोर्ड नहीं लगाया गया है। इससे साफ नहीं हो पा रहा है कि पुल का निर्माण किस विभाग से हो रहा है। इसकी लागत क्या है। कार्य प्रारंभ और समाप्ति की तिथि क्या है। इनमें कोई भी जानकारी स्थल पर नहीं है। वहां काम करने वाले मजदूर भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। कार्य स्थल मौजूद ठिकेदार के मुंशी भी स्पष्ट जबाव नहीं दे पा रहे हैं। जबकि कार्य स्थल मौजूद सामग्री को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। स्थल पर मिट्टी मिला हुआ गिट्टी और घटिया किस्म का बालू, सीमेंट का इस्तेमाल पुल निर्माण कार्य में किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि पुल निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी करने से इसकी गुणवत्ता मजबूत नहीं हो सकता है। यह ज्यादा टिकाऊ भी नहीं हो सकता है। लोगों ने कार्य की जांच करने की मांग अधिकारी से की है। लोगों ने कहा कि पुल निर्माण कार्य  में गड़बड़ी की जांच नहीं होने से भविष्य में बड़े परेशानी का सबब बन सकता है। जांच नहीं होने पर लोक शिकायत निवारण में जाएगा मामला

समाजसेवी आशीष कुमार बाबुल ने कहा कि पुल निर्माण कार्य में ठेकेदार के द्वारा अनियमितता बड़ती जा रही है। लोगों द्वारा शिकायत लगातार मिल रही है। संबंधित विभाग अनियमितता को दूर करते हुए प्राक्कलन के तहत निर्माण कार्य पूरा कराए । अन्यथा विभाग और ठेकेदार के खिलाफ वरीय अधिकारियों से शिकायत की जाएगी।इतना ही नहीं आशीष कुमार बाबुल ने कहा काम में अगर सुधार नहीं होगा तो मामला लोक जन शिकायक निवारण में लेकर जाएंगे।

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