न्यूज़ डैक्स।MTN
,
उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र के बिड़ी रणपाल गांव वार्ड नंबर एक के समीप धार (नदी ) में बन रहे पुल के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए लोगों ने जबरदस्त विरोध किया। निर्माण स्थल पर ही लोगों ने प्रदर्शन करते हुए हंगामा मचाया। लोग निर्माण कार्य की गुणवत्ता में सुधार करने की मांग कर रहे थे। लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में भाड़ी अनियमितता बड़ती जा रही है। घटिया निर्माण कार्य से भविष्य में परेशानी होगी। लोगों के विरोध के बीच विभागीय अधिकारी ने संवेदक को काम बंद करने का निर्देश दिया। विभाग के कनीय अभियंता मुनीलाल दास ने पूरी तरह मिट्टी भराई कार्य करने के बाद सही तरीके से काम करने का निर्देश संवेदक को दिया। उसके बाद लोगों का ग़ुस्सा शांत हुआ। लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में मानक की अनदेखी की जा रही है। इस तरह का निर्माण मानों यहां हवा में पुल का निर्माण हो रहा हो। महज संवेदक के मुंशी की मौजूदगी में बन रहे पुल व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है।
ग्रामीणों के आवागमन की सुविधा के लिए धार में करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कार्य कराया जा है। यधपि कार्य स्थल पर निर्माण कार्य से संबंधित किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगना काफी कुछ बयां करता है। जबकि सरकार का साफ निर्देश है कि आमजनों की जानकारी के लिए कार्य प्रारंभ होने से पहले स्थल पर बोर्ड लगना चाहिए। ताकि लोगों को कार्य की प्रक्रिया के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। लेकिन विभाग द्वारा कार्य से संबंधित बोर्ड नहीं लगाया गया है। इससे साफ नहीं हो पा रहा है कि पुल का निर्माण किस विभाग से हो रहा है। इसकी लागत क्या है। कार्य प्रारंभ और समाप्ति की तिथि क्या है। इनमें कोई भी जानकारी स्थल पर नहीं है। ग्रामीण जयकांत यादव धर्म संदीप कुमार यादव रवि यादव जयचंद कुमार गणेश यादव शाहिद अप्रोच पथ कार्य को रोक दिया गया वहां काम करने वाले मजदूर भी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है। कार्य स्थल मौजूद ठिकेदार के मुंशी भी स्पष्ट जबाव नहीं दे पा रहे हैं। जबकि कार्य स्थल मौजूद सामग्री को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। स्थल पर मिट्टी मिला हुआ गिट्टी और घटिया किस्म का बालू, सीमेंट का इस्तेमाल पुल एप्रोच पथ का निर्माण कार्य में किया जा रहा है। लोगों का मानना है कि कार्य में मानक की अनदेखी करने से इसकी गुणवत्ता मजबूत नहीं हो सकता है। यह ज्यादा टिकाऊ भी नहीं हो सकता है। लोगों ने कार्य की जांच करने की मांग अधिकारी से की है। लोगों ने कहा कि पुल निर्माण कार्य में गड़बड़ी की जांच नहीं होने से भविष्य में बड़े परेशानी का सबब बन सकता है।
पुल को लेकर उठता रहा सवाल
आये दिन बिहार में आये पुल के ध्वस्त होने अथवा दरार आने का मामला लगातार सामने आ रहा है। कई पुल – पुलिया ध्वस्त हुए। इससे बिहार सरकार की काफी किरकिरी हुई। विपक्ष के निशाने पर सरकार रही। लेकिन सरकार नए और निर्माणाधीन पुल को नजर अंदाज कर गए। जबकि वास्तविकता यह है पुल की गुणवत्ता भी सही नहीं है। निर्माणाधीन पुल को लेकर क्षेत्र में लगातार सवाल उठ रहा है। यधपि पुल की गुणवत्ता पर अधिकारी मौन हैं। विभागीय अधिकारी और संवेदक के सांठगांठ से पुल निर्माण में घटिया कार्य बदस्तूर जारी है। जब मामला सामने आता है तो अधिकारी महज जांच की बात कहकर खानापूरी कर जाते हैं। बड़ी बात यह कि जब गुणवत्ता को लेकर लोगों के विरोध के स्वर उभरते हैं तो कानूनी पचड़े में फंसाने की बात कह कर लोगों की आवाज को दबा दिया जाता है। लोगों का कहना है कि हालात ऐसी रही तो लोग चुपचाप अपने अपने घरों में बैठ जाएंगे। घटिया निर्माण की बात सामने आने पर भी कार्रवाई क्यों नहीं हो रहा है। लोग बता रहे हैं कि कहीं न कहीं तो घोलमाल है। खासकर ग्रामीण कार्य विभाग घटिया निर्माण कार्य को लेकर सवाल के घेरे में रहें हैं। इस विभाग के अधिकारी की मनमानी चरम पर है। लोगों का कहना है कि इस विभाग के कार्यालय में विचौलिया से काम लिया जाता है। इस विभाग का कार्यालय बड़ा लूट का अड्डा बना हुआ है। जांच हो तो स्वत: मामला सामने आएगा। आखिर प्राइवेट रूप से काम करने वाले शख्स कहां के है। किस परिस्थिति में नीजी लोगों से काम लिया जा रहा है।