शहर के अधिकांश वार्ड में पानी निकासी की नहीं है समुचित व्यवस्था:उदाकिशुनगंज। संवाददाता गर्मी से मिली राहत झमाझम बारिश से मौसम का मिजाज बदल दिया है.लेकिन स्थानीय लोग एवं राहगीरों को जलजमाव के कारण झेलनी पड़ रही परेशानी. नगर परिषद के कर्मियों व स्थानीय लोगों को भी जलजमाव की समस्या से निजात पाने में कठिनाई हो रही है.कई वार्डों के लोगों को यह चिता सता रही है कि और अगर लगातार इसी तरह बरसात हुई तो स्थिति फिर काफी खराब हो जाएगी.अभी ही लोगों को घरों में पानी घुस रहा है, और उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है.लोग पैदल व वाहन से अपने मोहल्ले से बाजार नही जा पा रहे है.हर वार्ड में घुटने भर गया है.नगर परिषद क्षेत्र में पानी निकासी की नहीं है समुचित व्यवस्था:हर वर्ष लोगों को बरसात के मौसम में इस समस्या से जूझना पड़ता है शहरवासियों को लेकिन नगर परिषद के द्वारा जल जमाव से छुटकारा करने पर कोई भी पहल नहीं की जा रही है. जिससे स्थानीय लोगों एवं राहगीरों को होती है परेशानी.दिन प्रतिदिन समस्या हो रही है गंभीर जिम्मेदार बैठे है मौन :शहर में जलजमाव के कारण हर वार्ड बेहाल है.लेकिन नगर परिषद के द्वारा कोई भी पहल नहीं दिख रही है.शहर के वार्ड नं 11 के निवासिनी विभा देवी बताती है कि कई घरों के पास ही पानी जमा होने से लोगों को आवाजाही करने में परेशानी उठानी पड़ रही गए.शहर में बनी नाली से जल निकासी नहीं होने के कारण बारिश होने पर जलजमाव की समस्या आम बात हो गयी है.गौरतलब है कि शहर के हर वार्ड चौक चौराहा के पास जलजमाव से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है.लोगो के पास अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण कीचड़ युक्त सड़क पर चलना लोगों की विवशता बनी हुई है.प्रशासनिक अपेक्षा का परिणाम है कि बाजार में नाले के बंद रहने से जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.आलम यह है कि हल्की सी वर्षा में भी मुख्य सड़क पर पानी का जमाव के बीच पैदल राहगीर सहित वाहनों के चलने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.इस राह से गुजरने वाले राहगीर सहित बाजार करने आए लोगों का सड़क पर कीचड़ होने से उनके कपड़े भी खराब हो जाते हैं.खास करके महिलाएं को बाजार में पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. शहर के मवेशी अस्पताल रोड ,मस्जिद चौक एवम विभिन्न वार्ड में जल जमाव के वजह से सड़कों पर जलजमाव के कारण स्थानीय लोग एवं राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. हल्की सी बारिश में जीना मुश्किल हो गया है. इस बारिश के पानी से कई तरह के संक्रमित होने का डर है.कई बार हमलोग अपने-अपने वार्ड पार्षद को शिकायत किए कम से कम गली मोहल्ले को नाला साफ- सफाई करवा दे. लेकिन वो भी बातों को अनदेखी कर देते है.अब इस समस्या से कौन समाधान करवाता है वो ऊपर वाले ही जाने. बारिश के कारण शहर में जल जनित रोगों की संभावना भी बढ़ गयी है. ऐसे में जिला प्रशासन एवं नगर परिषद प्रशासन को डीडीटी की छिड़काव करवाना चाहिए .लेकिन ऐसा नही होने से मच्छर जनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ गया है. बारिश के बाद जलजमाव के कारण डेंगू व मलेरिया होने की संभावना है.ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है. डेंगू व मलेरिया के मच्छर ज्यादा पनपते हैं. ऐसा मौसम डेंगू के लिए अनुकूल माना जाता है. लोग डेंगू के प्रति सचेत रहे घर के आसपास पानी का जमाव ना होने दें इससे मच्छर नहीं पनपेगा. और आपका डेंगू से बचाव होगा. इसके बावजूद भी अगर कोई डेंगू की चपेट में आ गया तो तत्काल उसे अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर उसका इलाज कराएं. मच्छरदानी का करें इस्तेमाल:डा के के दास ने बताया कि घरेलू स्तर पर सावधानी बरतने में भी डेंगू के पांव पसारने से रोका जा सकता है .इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर के आसपास पानी को जमने नहीं दे. रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. डेंगू के मच्छर दिन में अधिक काटता है. इसलिए दिन में विशेष तौर पर सतर्क रहें घर में कूलर के पानी को बार-बार बदलते रहें. साथ ही घर के आसपास कोई ऐसा समान हो जिसमें पानी जमा हो तो उसे तत्काल हटा दे.चिकित्सकों की परामर्श से ले जरूरी दवाइयां:डा परवेज आलम ने बताया कि अमूमन बारिश के मौसम शुरू होते ही जिला स्वास्थ समिति सतर्क हो जाता है .उस दौरान डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अक्टूबर महीने तक लोगों में डेंगू होने की आशंका अधिक रहता है. उन्होंने बताया कि अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार हो तो उसका इलाज व देखभाल घर पर ही किया जा सकता है.चिकित्सकों की सलाह लेकर जरूरी दवाइयां ले सकते हैं. बिना चिकित्सक की सलाह से दवा लेने पर शरीर के प्लेटलेट्स अचानक कम हो सकता है. सामान्य रूप से खाना देना जल्दी रखें .बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है.ऐसे पहचाने डेंगू: अत्यधिक बुखार एवं सर दर्द का होनामांसपेशियो पेट और पीठ या जॉइंट में दर्द होना. सामान्य से अधिक थकान का होना एवं चक्कर आना.भूख का नहीं लगना उल्टी एवं अधिक घबराहट का होना. शरीर पर लाल रंग के निशान बनना.गंभीर स्थिति में ब्लडिंग होना.दिन में काटते हैं डेंगू के मच्छर: डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर चीते धारियां होती है. यह मच्छर दिन में खासकर सुबह में काटता है डेंगू बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है. इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती है. एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते हैं.कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने बताया कि जिस वार्ड में ज्यादा जल जमाव है वहां मशीन के द्वारा पानी निकल जा रही है हर वार्ड में फॉगिंग मशीन चल रही है. हर वार्ड में ब्लीचिंग पाउडर की छिड़काव की जा रही है