नाबालिग हो रहे सनफिक्स का शिकार खतरे में बच्चों की भविष्य

ब्यूरो रिपोर्ट

समाज तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण में किशोर वर्ग तथा नौनिहालों का महत्वूपर्ण योगदान हो सकता है और लगातार होता भी रहा है.देश की आंखें इन पर अटकी रहती है. ये हमारे राष्ट्र के भावी कर्णधार हैं. यदि आज धरातल पर उनके अस्तित्व को हम नहीं सहेजे तो उन्हें भविष्य का कर्णधार कैसे कह सकते हैं. उचित और अनुकूल संरक्षण के द्वारा ही इन्हें सुदृढ़ बनाया जा सकता है. परन्तु यदि उचित एवं अनुकूल संरक्षण के अभाव में छोटी सी उम्र से ही नशा एवं व्यवसन की लत में पड़ जाए तो ये राष्ट्र निर्माण के वाहक न रहकर विध्वंस और अव्यवस्था के प्रतीक बनकर रह जाएंगे. प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों किशोरों को कौन कहे छोटे-छोटे बच्चों में भी नशे की लत चिंता का विषय बनता जा रहा है. छोटे-छोटे ये बच्चे भी मादक पदार्थो के आदी होते जा रहे हैं. विद्यालयों के सामने खुली पान-चाय की दुकानों पर उपलब्ध गुटखा, गांजा, भांग इत्यादि वस्तुएं जहां इसे खुलेआम बढ़ावा दे रही है. वहीं अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावक भी इस ओर उदासीन बने हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों बच्चे नशे के लिए एक नई तरकीब अपनाते देखे जा रहे हैं. वे नशे के लिए बाजार में सर्वथा उपलब्ध सनफिक्स बांड फिक्स इत्यादि के धड़ल्ले से उपयोग करते देखे जा रहे हैं. कई बच्चे इस सनफिक्स के इस कदर आदी हो चुके हैं कि वे दिन भर में पांच से छह पैक तक सनफिक्स को सूंघ कर खत्म कर देते हैं. नशे के रूप में सनफिक्स का प्रयोग कर रहे एक आठ वर्षीय बच्चे से पूछने पर बताया कि इसे सूंघने से काफी आनंद मिलता है. यदि इसे न सूंघे तो शरीर में अकड़न सी हो जाती है. जबकि स्थानीय बाजार में इन दिनों कई दुकानदार बच्चों को मांगने पर भी ऐसी चीज देने से परहेज कर रहे हैं. एक दुकानदार ने पूछने पर बताया कि हम क्या करें ये बच्चे टोली बनाकर बारी-बारी से बहाना बनाकर पहुंच जाते हैं. लिहाजा देना मजबूरी बन जाती है. दूसरी तरफ पान दुकानदारों पर कोई प्रतिबंध ने होने से छोटे-छोटे बच्चों को भी गुटखे एवं नशीली सामग्रियां खुलेआम परोसी जा रही है. गुटखा का प्रचलन तो इस कदर फैशन बन चुका है कि छात्र तो छात्र अध्यापक को भी इससे परहेज नहीं है और विद्यालय अवधि में भी इसका धड़ल्ले प्रयोग होता है। छोटी सी नाजुक उम्र में बच्चों को यूं नशे की लत में पड़ जाना उनके स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी काफी खतरनाक है। लगातार प्रयोग से जहां मुंह का कैंसर होने की संभावना है, वहीं सनफिक्स के प्रयोग से फेफड़े संबंधी बीमारी भी हो सकती है.