77 सालों से उपेक्षित रहे शहीद के स्वजनों की विधायक ने ली सुधी! शहीद स्थल बनाने का किया वादा

Purnea । प्रिंस कुमार मिट्ठू

रुपौली के विधायक शंकर सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीद के परिवारों की सुधि ली है तथा उनके स्वजनों को सम्मानित किया है। आजाद भारत में पहलीबार रुपौली विधानसभा के शहीदों को एक विधायक के द्वारा सम्मानित किये जाने से बलिदानी परिवारों के आंखों में आंसू आ गए। मौके पर परिजन ने कहा कि आजादी के बाद से आजतक किसी ने भी उन्हें शहीद स्थल पर झंडोत्तोलन तक के लिए नहीं बुलाया और ना ही सम्मानित किया था। ये हमारे लिए गौरव का क्षण है।
25 अगस्त 1942 को रुपौली प्रखंड के क्रांतिकारियों में बंगाली सहनी, जागेश्वर सहनी, पांचू बैठा एवं सुखदेव भगत रूपौली थाना पर तिरंगा फहराने के दौरान अपनी छाती पर गोलियां खाकर बलिदान दिए थे, जबकि टीकापटी के जमींदार सूर्यनारायण शेर अंग्रेजों की प्रताडणा से शहीद हुए थे। शहीदों और उनके परिवार के इस दर्द को विधायक शंकर सिंह एवं उनकी पत्नी सह जिप सदस्य प्रतिमा सिंह ने समझा तथा उनके घर जाकर उन्हें सम्मानित किया । सबसे पहले वे मुख्यालय स्थित बलिदान स्थल पर पहुंचे तथा उन्होंने सभी बलिदानियों की प्रतिमा पर फूलमाला चढाकर उन्हें नमन किया । फिर वे मुख्यालय स्थित सहनीटोला में उपेक्षित होने के बाद अलग से बनाए गए बलिदानी बंगाली सहनी के बलिदान स्थल पर पहुंचे तथा वहां उन्होंने उन्हें नमन किया । फिर वे बलिदानी के घर पहुंचे तथा उनके स्वजनों चलित्तर सहनी, मदन सहनी आदि को फूलमाला एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया । इसके बाद वे बिरौली बाजार स्थित बलिदानी सुखदेव भगत के स्वजनों को सम्मानित किया । इसके बाद वे आझोकोपा गांव के बलिदानी पांचू बैठा के घर गए तथा उनके पौत्र सह शिक्षाविद विंदेश्वरी रजक को अंग-वस्त्र एवं फूलमाला देकर सम्मानित किया। इसके बाद वे टीकापटी गांव जाकर बलिदानी सूर्य नारायण शेर के बलिदान स्थल पर जाकर उन्हें नमन किया तथा उनके स्वजन जयनारायण कौशिक को फूलमाला एवं अंग-वस्त्र देकर सम्मानित किया । कुल मिलाकर सभी बलिदानियों के स्वजनों को पहली बार किसी विधायक के द्वारा सम्मानित किये जाने से क्षेत्र के लोगों में इस बात की चर्चा है कि विधायक शंकर सिंह हर किसी को सम्मान देना जानते हैं, बस उनके संज्ञान में बात जानी चाहिए । उनमें ना जाति, ना धर्म, ना गरीब, ना अमीर, सबके साथ समान भाव देखा जाता है । इसके लिए सभी ने उनकी सराहना की है । यह बता दें कि रूपौली में पांच लोगों ने देश की आजादी की खातिर अपने सीने पर गोलियां खायी थी । इनमें से गिद्धा गांव के बलिदानी जागेश्वर सहनी के स्वजनों का आजतक पता नहीं चल पाया कि उनके परिवार कहां और कब चले गए । आजतक किसी ने उनकी सुधि लेने का भी प्रयास नहीं किया है । कुल मिलाकर यहां पहलीबार बलिदानियों को उनका हक मिला है, जिससे सभी बलिदानियों के स्वजन गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं तथा विधायक शकर सिंह को आशीर्वाद दे रहे हैं। इस दौरान विधायक शंकर सिंह ने सभी शहीद के परिवार से वादा किया है कि सभी शहीदों का समाधि स्थल का निर्माण करवाकर शहीदों को सम्मान दूंगा।

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