उदाकिशुनगंज के साक्षी सुमन का स्मार्ट डस्टबिन मैनेजमेंट सिस्टम

उदाकिशुनगंज।मधेपूरा

डस्टबिन के सामने जब कोई व्यक्ति आता है, तो उल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से डस्टबिन स्वचालित रूप से खुल जाता है।

एस बी जे एस इंटर स्कूल, उदाकिशुनगंज की 9वीं कक्षा की छात्रा साक्षी सुमन ने एक बेहद उपयोगी और नवीनतम स्मार्ट डस्टबिन मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया है। इस सिस्टम के जरिए कचरे के डिब्बों की निगरानी की जाती है और यह दिखाता है कि कौन सा डस्टबिन कितना भरा हुआ है। यह जानकारी सीधे मोबाइल ऐप पर दिखाई देती है, और जब डस्टबिन 100% भर जाता है, तो संबंधित अधिकारियों को नोटिफिकेशन के माध्यम से जानकारी मिल जाती है कि कौन से डस्टबिन को साफ करने की जरूरत है।

सिस्टम की विशेषताएँ:

  1. डस्टबिन की भराव स्थिति की निगरानी:
  • इस सिस्टम में हर डस्टबिन पर एक उल्ट्रासोनिक सेंसर लगाया गया है, जो डस्टबिन के कचरे की मात्रा को मापता है। जैसे ही डस्टबिन 100% भरता है, यह जानकारी ऐप पर प्रदर्शित हो जाती है।
  • अधिकारियों को तत्काल सूचित किया जाता है कि कौन-कौन से डस्टबिन पूरी तरह से भर चुके हैं और किन्हें साफ करने की जरूरत है।
  1. स्वचालित डस्टबिन खोलने और बंद करने की प्रणाली:
  • डस्टबिन के सामने जब कोई व्यक्ति आता है, तो उल्ट्रासोनिक सेंसर की मदद से डस्टबिन स्वचालित रूप से खुल जाता है।
  • जैसे ही व्यक्ति डस्टबिन के सामने से हटता है, डस्टबिन अपने आप बंद हो जाता है।
  • इस पूरी प्रक्रिया का स्टेटस भी ऐप पर लाइव दिखता है, जिससे सिस्टम का रियल-टाइम मॉनिटरिंग संभव है।
  1. वायु गुणवत्ता मापने की सुविधा:
  • कचरे की बदबू और वायु की गुणवत्ता जांचने के लिए एक विशेष सेंसर लगाया गया है, जो यह मापता है कि डस्टबिन में कचरा कितना सड़ रहा है और उससे कितनी बदबू आ रही है। इससे अधिकारियों को कचरा साफ करने के सही समय का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
  1. NodeMCU ESP8266 का उपयोग:
  • इस स्मार्ट डस्टबिन सिस्टम में NodeMCU ESP8266 माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग किया गया है, जो डस्टबिन से जुड़ी सभी जानकारी को सर्वर पर भेजता है।
  • इसके जरिए अधिकारियों को ऐप पर डस्टबिन की पूरी जानकारी मिलती है, जैसे भरने की स्थिति, बदबू की मात्रा, और कब सफाई की जरूरत है।

Sparkovation Hub का सहयोग:

यह पूरा प्रोजेक्ट Sparkovation Hub के मार्गदर्शन में बन रहा है। Sparkovation Hub के सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ पुष्पराज ने बताया कि साक्षी के विचारों के अनुसार इस प्रोजेक्ट के लिए एक उपयोगकर्ता-हितैषी (user-friendly) ऐप डिज़ाइन किया गया है। यह ऐप नगर निगम और नगर परिषद के अधिकारियों के लिए इसे इस्तेमाल करना आसान बनाता है।

मौके पर विज्ञान शिक्षिका अमृता कुमारी ने कहा, “साक्षी सुमन का यह स्मार्ट डस्टबिन मैनेजमेंट सिस्टम नगर निगम और नगर परिषदों के लिए एक बेहतरीन समाधान हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कचरा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है। यह सिस्टम न केवल नगरों को साफ-सुथरा रखने में मदद करेगा, बल्कि स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा देगा।”

साक्षी सुमन की प्रेरणा:

साक्षी सुमन ने बताया कि उन्होंने यह स्मार्ट डस्टबिन मैनेजमेंट सिस्टम नगर परिषद और नगर निगम की लापरवाही को देखते हुए बनाया है। अक्सर ऐसा देखा गया है कि डस्टबिन भर जाने के बाद भी समय पर कचरा नहीं साफ किया जाता, जिससे लोग कचरा बाहर फेंक देते हैं। इससे न केवल गंदगी फैलती है, बल्कि वायु और वातावरण भी दूषित हो जाता है।

साक्षी ने कहा कि, “अक्सर ऐसा होता है कि डस्टबिन भर जाने के बाद भी उसे सही समय पर साफ नहीं किया जाता। यह समस्या मुख्य रूप से इसलिए होती है क्योंकि डस्टबिन की सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं होती। इसी समस्या को हल करने के लिए मैंने यह सिस्टम तैयार किया है।”

सिस्टम के फायदे:

  1. सटीक और स्वचालित मॉनिटरिंग:
  • यह स्मार्ट सिस्टम नगर निगम या नगर परिषद के अधिकारियों को तुरंत अलर्ट भेजता है, जब कोई डस्टबिन पूरी तरह से भर जाता है। इससे समय पर सफाई सुनिश्चित होती है और गंदगी फैलने से रोकी जा सकती है।
  1. कचरा प्रबंधन में सुधार:
  • इस सिस्टम के जरिए अधिकारी आसानी से देख सकते हैं कि कौन सा डस्टबिन कितना भरा है और किसे साफ करने की जरूरत है। इससे सफाई के काम को प्रभावी और संगठित तरीके से किया जा सकता है।
  1. वायु गुणवत्ता की निगरानी:
  • कचरे से उत्पन्न बदबू और वायु की गुणवत्ता को मापने वाला सेंसर यह सुनिश्चित करता है कि अधिकारी सिर्फ डस्टबिन भरने की स्थिति नहीं, बल्कि वहां की वायु गुणवत्ता की भी निगरानी कर सकें। इससे कचरे के कारण होने वाली बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है।
  1. स्वचालित संचालन:
  • डस्टबिन का स्वचालित रूप से खुलना और बंद होना एक बहुत ही उपयोगी फीचर है, जिससे लोग बिना छुए ही कचरा डाल सकते हैं। यह प्रणाली संक्रमण और गंदगी के फैलाव को भी कम करती है।
  1. रियल-टाइम डेटा और नोटिफिकेशन:
  • अधिकारियों को ऐप के जरिए हर डस्टबिन की स्थिति का रियल-टाइम डेटा मिलता है। डस्टबिन भरने पर तुरंत नोटिफिकेशन मिल जाने से समय पर सफाई का काम हो सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ:

साक्षी सुमन का यह स्मार्ट डस्टबिन मैनेजमेंट सिस्टम नगर निगम और नगर परिषदों के लिए एक बेहतरीन समाधान हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां कचरा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है। यह सिस्टम न केवल नगरों को साफ-सुथरा रखने में मदद करेगा, बल्कि स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा देगा।

साक्षी की यह पहल समाज के लिए एक बड़ा योगदान है और अन्य छात्र-छात्राओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। यह दिखाता है कि कैसे नई पीढ़ी की युवा प्रतिभाएँ तकनीक का उपयोग करके समाज की समस्याओं का समाधान निकाल रही हैं।

साक्षी सुमन की इस नवीनतम परियोजना को न केवल स्कूल बल्कि स्थानीय समुदाय से भी सराहना मिल रही है। उनका यह प्रयास स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कचरा प्रबंधन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।

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