पत्नी की दूसरी शादी और पति पर हत्या का आरोप

बिहार में अजीबोगरीब केस, न्याय प्रक्रिया पर सवालदहेज हत्या के आरोप में जेल में बंद पति को मिली राहत, पत्नी ने किया दूसरा विवाह

बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र में एक दिलचस्प और विवादास्पद मामला सामने आया है, जहां एक पति पर अपनी पत्नी की हत्या का आरोप था, लेकिन अब यह खुलासा हुआ है कि उसकी पत्नी जिंदा है और उसने दूसरी शादी कर ली है। इस घटनाक्रम ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में डाला है, बल्कि यह न्यायिक प्रक्रिया पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।मामला 2015 का है, जब कुंदन कुमार ने सुधा कुमारी से शादी की थी। सुधा पटना जिले के अंडारी गांव की रहने वाली थीं, लेकिन शादी के बाद भी वह अपने पति से खुश नहीं थीं। 2018 में, सुधा अचानक अपने घर से गायब हो गई, और इस दौरान कुंदन ने उसे ढूंढने के लिए हर संभव प्रयास किया। लेकिन, जैसे ही सुधा के परिवार को इस बारे में पता चला, उन्होंने बिना जांच किए कुंदन और उसके परिवार के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज करवा दिया।दहेज हत्या के आरोप में कुंदन को गिरफ्तार कर लिया गया और चार महीने तक जेल में रखा गया, हालांकि उसके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं थे। जेल से बाहर आने के बाद, कुंदन ने अपनी पत्नी की खोज जारी रखी और यह पता चला कि सुधा जिंदा है और उसने धमदाहा (पूर्णिया) के एक युवक से शादी कर ली है।इस खुलासे के बाद, कुंदन ने पुलिस को सूचित किया, और महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। महिला ने अदालत में अपना बयान दिया, जिसमें उसने कहा कि वह अब अपने दूसरे पति के साथ अपना जीवन बिताना चाहती है।कानूनी दृष्टिकोण से यह मामला बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 494 के तहत बिना तलाक के दूसरी शादी करना एक अपराध है। इस अपराध के लिए पति और पत्नी दोनों को 10 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।अभी मामला अदालत में चल रहा है और न्यायिक प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह घटनाक्रम यह सवाल उठाता है कि अगर दहेज हत्या के आरोपों में जांच सही तरीके से की जाती, तो क्या इस तरह की त्रुटियों से बचा जा सकता था? साथ ही, इस मामले ने यह भी साबित कर दिया कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और तत्परता की कितनी आवश्यकता है।

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