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कथित फर्जी नर्सिंग होम में पेट में ही एक भ्रूण की हुई मौत, स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन जांच में जुटा

उदाकिशुनगंज अनुमंडल मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत पुरैनी क्षेत्र में कथित निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण की मौत हो गई उदाकिशुनगंज प्रखंड मुख्यालय मे भी अवैध कथित नर्सिंग होम अल्ट्रासाउंड जांच लैब भी काफी फल फूल रहे है बावजूद आमजन बिचौलियों के चक्कर में पड़कर ऐसे कथित नर्सिंग होम का शिकार हो रहे हैं. ताजा मामला पुरैनी मुख्यालय के ही एक ऐसे कथित नर्सिंग होम से आया है जो लगातार विवादों के घेरे में बना हुआ रहता है. घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर जिला के भवानीपुर निवासी दिलखुश कुमार की पत्नी अंजू कुमारी ने बताया कि वह 6 माह की गर्भवती थी, गर्भ में बच्चा के सुरक्षा के आशय से वह अपने गांव से पुरैनी मुख्यालय के अंबेडकर चौक स्थित रंजना धर्म कांटा भवन में चल रहे कथित फर्जी नर्सिंग होम में डॉक्टर रंजना वर्मा के देखरेख में अपना इलाज करवाने लगी. पहले तो जब भ्रूण का अल्ट्रासाउंड उक्त चिकित्सक के द्वारा किया गया तो बताया गया कि उनका भ्रूण जीवित व सुरक्षित है साथ ही अंजू कुमारी को दवाई खाने के लिए पर्ची पर लिखकर दिया और स्वयं ही अपने मेडिकल से दवाई भी दी साथ ही यह भी बताया कि उन्हें गंभीर बीमारी है जिसकी वजह से उच्च कोटि का एम्पूल मंगवा कर लगा दिया गया.वही लोग ने बताया हैं कि मामला हर जगह से मैनेज हो गया पीड़ित परिवार थाना में दिए गए आवेदन में पुनः पीड़िता ने बताया है कि रंजना वर्मा के कथित नर्सिंग होम में जांच उपरांत दवाई लेने के दो दिन बाद से ही भ्रूण में कोई भी हलचल न होने से आशंका सताने लगी जिसके बाद पुनः रंजना वर्मा के कथित नर्सिंग होम में आकर भ्रूण का अल्ट्रासाउंड किया गया तो भ्रूण मृत पाया गया. इसके बाद पीड़िता और उसके परिजनों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया और रंजना वर्मा से सवाल पूछा गया तो वह बात करने से कतराने लगी. इस संबंध में तुरंत ही पुरैनी थाना को घटना की सूचना दी गई जिसके बाद पुरैनी थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले को शांत कराते हुए पीड़ित महिला के परिजनों को थाना में आकर आवेदन देने की सलाह दी जिसके बाद आवेदन दिया गया.घटना के बाबत प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि यह सूचना प्राप्त हुई है की रंजना वर्मा के क्लीनिक में मरीज को पड़े इंजेक्शन के कारण बच्चे की मौत हो गई जबकि उक्त कथित नर्सिंग होम को इस तरह के इलाज के लिए किसी भी प्रकार का लाइसेंस प्राप्त नहीं है. जल्द ही हम लोगों के द्वारा छापेमारी की जाएगी और जितने भी अवैध नर्सिंग होम पुरैनी प्रखंड में संचालित हैं सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि पीड़िता के द्वारा आवेदन थाना को दिया गया इसके बाद पुलिस हरकत में भी आई और मामले की तहकीकात कर रही है.

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